भारत की सबसे लेट ट्रेन, जिसे 42 घंटे का सफर करने में लग गए 3 साल

Bharat ki sabse let train kaun si hai: आप सभ तो जानते ही है की भारतीय रेलवे में ट्रेनों के देरी से चलने की खबरें आम हैं। लेकिन आज हम जिस ट्रेन की बात करने वाले है उसने अपनी मंजिल पर जाने के लिए 3 से 4 साल का वक्त लगा दिया

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जी हाँ हम बात कर रहे है आंध्र प्रदेश की एक माल गाडी की जिसे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से उत्तर प्रदेश के बस्ती तक सिर्फ 42 घंटे में पहुँचाना था – लेकिन यह ट्रेन वहाँ पहुँची 3 साल 8 महीने और 7 दिन बाद!

कौन से थी यह ट्रेन और कहाँ जा रही थी? | Bharat ki Sabse let train kaun si hai

आपको इस बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा लेकिन यह सच है यह मामला 2014 का है यह एक मालगाड़ी (freight train) थी, जिसे विशाखापत्तनम से चलकर बस्ती, उत्तर प्रदेश तक जाना था।

Bharat ki sabse let train kaun si hai

इस ट्रेन में इंडियन पोटाश लिमिटेड द्वारा भेजी गई 1316 बोरियाँ खाद लदी थीं। इस खेप की कीमत लगभग 14 लाख रुपये थी और इसे बस्ती के एक व्यापारी रामचंद्र गुप्ता ने मंगवाया था।

सिर्फ 42 घंटे का सफर करने में लग गए 4 साल

मालगाड़ी को 10 नवंबर 2014 को रवाना किया गया था और आमतौर पर यह सफर लगभग 2 दिन (42 घंटे) में पूरा हो जाता है

लेकिन यह ट्रेन 25 जुलाई 2018 को जाकर बस्ती पहुंची। यानी पूरे 3 साल, 8 महीने और 7 दिन बाद!

इतनी देरी क्यों हुई? क्या था असली कारण?

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह ट्रेन अपने तय रूट से भटक गई थी। उनका मानना था की ट्रेन को किसी यार्ड में खड़ी कर दिया गया था और फिर उसे लापता” मान लिया गया था

अक्सर “अनफिट” माने गए डिब्बों को यार्ड में खड़ा कर दिया जाता है और समय के साथ वे सिस्टम से गायब हो जाते हैं। यही इस ट्रेन के साथ हुआ और तब तक किसी को इसकी खबर ही नहीं थी।

शिकायत के बाद शुरू हुई खोज

व्यापारी ने जब लंबी देरी देखी, तो रेलवे में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद रेलवे ने मामले की जांच शुरू की और ट्रेन को ढूंढा गया। जब ट्रेन आखिरकार बस्ती पहुँची, तब तक उसमें भरी खाद पूरी तरह खराब हो चुकी थी

भारत की इतिहास में सबसे ज्यादा लेट ट्रेन

यह घटना अब तक के भारतीय रेलवे के इतिहास में सबसे ज्यादा देरी से पहुँचने वाली ट्रेन के रूप में दर्ज की गई है। 4 साल की देरी ने इसे एक रिकॉर्ड ब्रेकर बना दिया है।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय रेलवे की यह घटना दर्शाती है कि कैसे एक छोटी सी लापरवाही से न सिर्फ आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि सिस्टम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठते हैं।

मालगाड़ी हो या यात्री ट्रेन, समय पर संचालन जरूरी है। उम्मीद की जानी चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे अपनी प्रक्रिया को और बेहतर बनाएगा।

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FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. भारत की सबसे ज्यादा लेट ट्रेन कौन सी है?

A. विशाखापत्तनम से बस्ती जा रही एक मालगाड़ी, जो 3 साल 8 महीने और 7 दिन बाद पहुंची।

Q2. उस ट्रेन में क्या लदा हुआ था?

A. खाद की 1316 बोरियाँ, जिसकी कीमत लगभग 14 लाख रुपये थी।

Q3. ट्रेन में इतनी देरी क्यों हुई?

A. ट्रेन अपने रूट से भटक गई थी और संभवतः यार्ड में खड़ी कर दी गई थी।

Q4. क्या यात्री ट्रेनों में भी इतनी देरी होती है?

A. आमतौर पर नहीं, लेकिन 12-24 घंटे तक की देरी यात्री ट्रेनों में आम है।

Q5. क्या खाद की भरपाई हुई?

A. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खाद खराब हो चुकी थी, पर मुआवजे की जानकारी नहीं दी गई।

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